कामयाबी के लिए बेस्ट पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स


 

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जब भी हम किसी व्‍यक्ति से पहली बार मिलते हैं तो उस व्‍यक्ति को उसकी पर्सनालिटी के हिसाब से जज करने की कोशिश करते हैं। पर्सनालिटी या व्यक्तित्व एक ऐसी क्वालिटी है जो हर इंसान के व्यवहार और रवैये के बारे में सब कुछ बता देता है। व्यक्ति का व्यक्तित्व ही उसकी सबसे बड़ी पहचान है। चेहरे एक बार देखो या कई बार देखो, फिर भी चेहरे अपनी छाप उस तरह नहीं बिखेर पाते जोकि आपका व्यक्तित्व बयां करता है। आदमी दोआयामी जीवन जीता है, एक तो वह जो उसका व्यक्तिगत जीवन है और एक वह जो उसका उसके पेशे से जुड़ा हुआ जीवन है। अब इन दोनों में किस स्वभाव को व्यक्ति कितना लम्बा जीता है, ये तो व्यक्ति के काम पर निर्भर करता है। व्यक्तित्व विकास न केवल आपको अच्छा और प्रस्तुत करने योग्य बनाता है बल्कि आपको मुस्कान के साथ दुनिया का सामना करने में भी मदद करता है। आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे पर्सनालिटी की और उसके डेवलपमेंट के बारे में जानेंगे।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) करने के तरीकों के बारे में जानने से पहले हमें यह जानना हागा कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट है क्‍या। इसका मतलब अपने व्यक्तित्व को उभारना यानि व्यक्तित्व का विकास (Personality formation )है । पर्सनालिटी डेवलपमेंट में आपको अपने पर्सनल बिहेवियर, एटीट्यूड, प्रस्तुति का तरीका (Personal Behavior, Attitude, Mode of Presentation) , लोगों से बात करने का तरीका और ऐसी ही बहुत सी चीज़ों को उभारना होता है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट से आप अपने स्वभाव और व्यवहार में सुधार कर सकते हैं। यह आपके साथ आपके आस-पास के लोगों का भी आपके तरफ एक सकारात्मक रवैया (Positive attitude) विकसित करता है। आप इस तरह से अपनी पर्सनालिटी का डेवलपमेंट कर सकते हैं।

क्यों आवश्यक है पर्सनालिटी डेवलपमेंट ? (Why is Personality Development Important)

इंसान अब आदिमानव की स्थिति से बहुत आगे निकल आया है। आज की दौड़ विकसित और विकासशील समाज की दौड़ है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को यही लगता है कि उसके व्यक्तित्व का विकास कैसे हो, हर एक व्यक्ति इसी दौड़ में लगा पड़ा है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इसी के द्वारा आपका भविष्य तय होता है। आइये जानते हैं किस तरह से हम अपनी पर्सनालिटी को डेवलप कर सकते हैं।

कम्युनिकेशन स्किल को इम्प्रूव करें (Improve communication skills)

आप लोगों से किस तरह बात करते हैं यह आपकी पर्सनालिटी पर बहुत फर्क डालता है। इसलिए आपको यह ध्यान रखनी है के आप किसी से कैसे बात करते है। ध्‍यान रखें कि जब आप किसी से बात करें तो हमेशा अपनी आवाज़ को सॉफ्ट रखें और न ही धीरे बोलें और न ही तेज़। कुछ भी बोलने से पहले सोचें कि आपकी बोली हुई बात सामने वाले को बुरी न लगे। आप जब भी बात करें तो सामने वाले इंसान की तरफ देखकर ही बात करें। यह भी ध्‍यान रखें कि आप बोलने से पहले अपने सुनने की क्षमता को भी विकसित करें। आप जितने ध्यान से सामने वाले की बात को सुनेंगे आपकी बात को भी सामने वाला उतना ही सुनेगा। व्यक्तित्व विकास में आत्म जागरूकता (Self awareness in personality development) का होना ज़रूरी है,किसी भी बात को कम शब्दों में समझाने की कोशिश करें।

Educated लोगों के आसपास रहें

आपको यदि अपनी पर्सनालिटी को विकसित करना है तो ज़्यादा-ज़्यादा पढ़े लिखे लोगों के साथ रहें और अपने व्यक्तित्व में सुधार करें (Improve your personality)। ऐसा करने से आपके मस्तिष्क में अच्छे विचार उत्पन्न होंगे साथ ही साथ आप धनात्मक पहलू (Positive aspect) से अवगत होंगे। परन्तु एक बात ये भी याद रखने जैसी है कि सफल लोगों के साथ रहने वाले लोग भी कभी-कभी निगेटिविटी को पकड़ के बैठ जाते हैं, क्योंकि उनको लगता है कि वे उनके जितना अच्छा शायद न कर पाएं।

अपनी बॉडी लैंग्वेज को इम्प्रूव करें (Improve your Body Language too)

सबसे पहले आप अपने बैठने के तरीके को सुधारें। जब भी आप किसी के सामने बैठे तो ऐसे बैठें के सामने वाले को देखकर ऐसा न लगे के आप अपने घर में बैठे हैं। बैठने के तरीके को प्रोफेशनल (Professional) रखें। चलते वक्‍त भी ध्यान रखें के आराम से चलें और किसी और को धक्का देते हुए न चलें। साथ ही जब भी आप किसी के सामने खड़े होकर बात करें तो ऐसे खड़े न हो जिससे लगे कि आपमें बहुत ज्यादा ऐटिटूड है। पॉकेट में हाथ डालकर या वैसे ही मिलते-जुलते तरीकों के साथ बिल्‍कुल न खड़े हों। किसी से बात करते समय बहुत ज्यादा हाथों से बात को एक्सप्रेस करने की कोशिश न करें।

ड्रेसिंग सेंस को सुधारें (Improve Dressing Sense)

पर्सनालिटी में ड्रेसिंग सेंस महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता (Dressing sense plays an important role) है, अगर कोई व्‍यक्ति आप से बात न भी कर रहा है, तब भी वह ड्रेसिंग सेंस को देखकर आपके बारे में काफी कुछ बता सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि किसी भी ऑफिसि‍यल मीटिंग (Official meeting) में या प्रोफेशनल जगह साफ- सुथरे कपड़े पहन कर जाएं। वहीं अगर आप किसी पार्टी में जा रहे हैं तो पार्टी वियर कपड़े (Party wear clothes) पहने, फॉर्मल कपड़े (Formal clothes) बिल्‍कुल ना पहनें। ध्‍यान रहे कि कपड़े हमेशा प्रेस किये हुए हो और उनमें दाग धब्बे न लगे हों।

अपने लुक्स पर ध्यान दें (Pay Attention to your Looks)

अपने आप और अपने लुक्स का पूरा ध्‍यान रखें। लुक्स में आपके रंग से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना आपके पर्सनालिटी के लिए अच्छा रहेगा। जैसे कि जब भी बाहर जाएं अपने बालों को अच्छे से कंघी करके जाएं। नेल्स को हमेशा साफ़ रखें, कभी भी अच्‍छा दिखने के लिए बहुत ज्यादा मेकअप न करें। अपने फुटवियर को भी ऐसा रखें जो आपके ड्रेस से मैच करे। साथ ही अपने आप को ग्रूम करके रखें। किसी भी पेशेवर क्षेत्र (Professional field) में आप देखेंगे के लोगों के बाल सही से सेट होते हैं, बॉडी मेंटेन (Body maintenance) होती है, कपड़े अच्छे से पहने हुए होते हैं और ये चीज़ें किसी को भी पहली नज़र में प्रभावित करती है।

लोगों के साथ व्यवहार को अच्छा रखें (Be Nice to People)

किसी दूसरे व्‍यक्ति के साथ किया गया आपको व्‍यवहार आपकी अंदर के पर्सनालिटी को दिखाता है। इसलिए ध्यान रखें कि सबसे सम्मानपूर्वक बात करें (Talk respectfully), चाहे वो आपसे छोटा हो या बड़ा या फिर अमीर हो या गरीब आपका व्‍यवहार सबके प्रति एक जैसा होना चाहिए। आप जब भी किसी से मिले तो उसे नमस्कार करने के साथ स्माइल करना न भूलें। वहीं अगर आपको ऐसा लगता है कि सामने वाला कुछ गलत कह रहा है तो उसे आराम से समझाएं न की उसपे चिल्लाएं। लोगों के साथ हर बात पे बहस न करें। सुने, समझे और फिर लगे कि कोई बात गलत है तो ही बोलें।

अपने कॉन्फिडेंस को बढ़ाएं (Boost your Confidence)

सभी के अंदर कॉन्फिडेंस का होना बहुत जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आपका कॉन्फिडेंस कमजोर है तो सबसे पहले अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानें। आपको जब अपनी ताकत का पता होगा तो आप उसका इस्तेमाल करके अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपने कमजोरियों को भी दूर कर सकते हैं। कोशिश करें कि हमेशा मुस्कुराते रहें, क्‍योंकि आपका मुस्कुराता चेहरा आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाएगा। अपने सभी कार्य को ध्यान से करें। ध्‍यान रखें कि हमेशा आसान काम पहले करें और मुश्किल काम बाद में करने की कोशिश करें। आसान काम के वजह से आपका कॉन्फिडेंस बढ़ जायेगा और सेल्फ–कॉन्फिडेंस (Self-confidence) आपको मुश्किल काम को भी आसानी से खत्म करने में मदद करेगा।

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