Marketing strategy: Kurkure कैसे बना इंडिया का फेवरेट स्नैक्स?


 

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भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने कुरकुरे Kurkure का नाम नहीं सुना होगा। स्नैक्स में कुरकुरे एक ऐसा ब्रांड है, जो देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और कई लोगों का पसंदीदा स्नैक्स है। कुरकुरे को आज ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में पसंद किया जाता है। इस स्नैक्स को मार्केट में यह कहकर पेश किया गया था कि आप इसे कभी भी, कहीं भी खा सकते हैं। आपको लग रहा होगा कि आज तो मार्केट में कई ऐसे ब्रांड मौजूद हैं तो फिर कुरकुरे Kurkure इतना फेमस क्यों हैं। कुरकुरे की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ इसकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी Marketing Strategy Of Kurkure का है। आइए इस आइकॉनिक ब्रांड The Iconic Kurkure की मार्केटिंग स्ट्रेटजी के बारे में जानते हैं कि आखिर कैसे कुरकुरे इंडिया का फेवरेट स्नैक्स India’s favorite snack बना।

हम सभी का कोई ना कोई पसंदीदा स्नैक्स होता है, जिसे हम किसी भी वक्त खा सकते हैं। अगर आप को भी स्नैक्स से एक खास लगाव है तो आप अकेले नहीं हैं क्योंकि स्नैक्स तो हमारी लव लैंग्वेज है और ये आज से नहीं सदियों से होता आया है। कई कंपनीज खाने की तरफ हमारे प्यार को अच्छे से समझती हैं इसीलिए वह इस सेक्टर में काम करके अरबों कमा रही हैं।

कुरकुरे Kurkure को ही ले लीजिए। भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने कुरकुरे का नाम नहीं सुना होगा। स्नैक्स में कुरकुरे एक ऐसा ब्रांड है जो देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और कई लोगों का पसंदीदा स्नैक्स है।

How Kurkure Became India’s Favorite Snacks?

भारत में कुरकुरे को 1999 में पेप्सिको PepsiCo ने लॉन्च किया था और आज यह पाकिस्तान, कनाडा और यूनाइटेड किंग्डम में भी उपलब्ध है। कुरकुरे का मतलब क्रंची होता है और इसे मक्के, चावल, दाल और कई भारतीय मसालों की मदद से बनाया जाता है। इस स्नैक्स को मार्केट में यह कहकर पेश किया गया था कि आप इसे कभी भी कहीं भी खा सकते हैं। आपको लग रहा होगा कि आज तो मार्केट में कई ऐसे ब्रांड मौजूद हैं तो फिर कुरकुरे इतना फेमस क्यों हैं। कुरकुरे की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ इसकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी का है। आइए इस आइकॉनिक ब्रांड की मार्केटिंग स्ट्रेटजी Marketing strategy of Kurkure के बारे में जानते हैं कि आखिर कैसे कुरकुरे इंडिया का फेवरेट स्नैक्स बना।

MARKETING STRATEGY OF KURKURE

1. कम दाम में स्वादिष्ट स्नैक्स Kurkure Pricing Strategy

जब भारत में कुरकुरे को लॉन्च किया गया था तो यह अपने स्वाद के साथ-साथ कम दाम की वजह से भी काफी फेमस हुआ था। दरअसल, स्नैक्स में लोगों को कुछ स्वादिष्ट चाहिए लेकिन ज्यादतार लोग स्नैक्स पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते हैं, कुरकुरे ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि वह अच्छे स्वाद के साथ-साथ एक सस्ता स्नैक्स पेश करें। आज कुरकुरे के पैकेट्स आपको ₹5, ₹10 और ₹20 में मिल जाएंगे। अपनी प्राइसिंग स्ट्रेटजी Kurkure Pricing Strategy की मदद से आज कुरकुरे पिछले दो दशक से लोगों के दिल पर राज़ कर रहा है।

2. समय-समय पर नए फ्लेवर्स को पेश करना Introducing Different Varieties Of Kurkure

कुरकुरे को आज ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में पसंद किया जाता है। कुरकुरे सिर्फ एक फ्लेवर की मदद से स्नैक्स मार्केट Snacks market पर राज़ नहीं कर सकता था इसीलिए उन्होंने समय-समय पर नए फ्लेवर्स introducing different varieties of Kurkure को पेश करना शुरू किया। कुरकुरे आज मसाला मंच Kurkure Masala Munch, ग्रीन चटनी Kurkure Green Chutney, चिल्ली चटका Kurkure Chilli Chatka, टमाटर हैदराबादी स्टाइल, देसी बीट्स, नॉटी टोमैटो, जिग जैग, मालाबार मसाला स्टाइल, पफकॉर्न, मॉन्स्टर पॉज, यम्मी पिकल, सॉलिड मस्ती, बटर मस्ती Kurkure Butter Masti, खट्टा मीठा, मल्टी ग्रेन, चटपटा चीज़, कॉर्न कप्स, टैंगी टोमैटो Kurkure Tangy Tomato, कुरकुरे ट्राइएंगल्स आदि फ्लेवर्स में मौजूद है।

इसके साथ-साथ त्योहारों पर कुरकुरे कुछ लिमिटेड स्टॉक्स भी लाता है, जिसे लोग एक बार ट्राई करना चाहते हैं। कुरकुरे ने इस बात को समझा कि लोग उसके स्नैक्स को काफी पसंद कर रहे हैं और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मार्केट में कुरकुरे के अलग-अलग वेरिएंट पेश किए।

3. प्राइस और टेस्ट के साथ-साथ क्वालिटी का भी ध्यान रखा

आपने ये ज़रूर सुना होगा कि कुरकुरे में प्लास्टिक होता है और कुरकुरे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। ये सच है कि कुरकुरे हेल्थी स्नैक्स नहीं है लेकिन इंडिया में ज्यादातर स्नैक्स अनहेल्थी ही हैं लेकिन कुरकुरे में प्लास्टिक है, ये बात सच नहीं है No plastic in Kurkure और खुद कंपनी ने ये स्टेटमेंट दिया था कि उनके प्रोडक्ट में प्लास्टिक नहीं है और लैब टेस्ट के अनुसार उनका प्रोडक्ट हार्मफुल नहीं है।

ऐसी कुछ कॉन्ट्रोवर्सीज के बावजूद भी यह ब्रांड इसीलिए सफल रहा क्योंकि इन्होंने क्वालिटी का ध्यान रखा।

ये सिर्फ कुरकुरे की साथ ही नहीं हुआ है, कई ऐसे प्रोडक्ट मार्केट में आए हैं जिनके बारे में कोई ना कोई अफवाह सुनने को मिली है लेकिन उस अफवा के फैलने पर कंपनी उससे कैसे डील करती है, यह तय करता है कि वह ब्रांड, मार्केट में अपना नाम बनाए रखने में सक्षम है या नहीं और इस टेस्ट में कुरकुरे पूरी तरह से पास हुआ है क्योंकि उन्होंने कुरकुरे में प्लास्टिक जैसी अफवा से अच्छी तरह से डील किया और सही समय पर स्टेटमेंट दिया कि उनके प्रोडक्ट में प्लास्टिक नहीं है और कुरकुरे हार्मफुल नहीं है।

4. क्रिएटिव कैंपेन Creative Campaign Of Kurkure

कुरकुरे ने क्रिएटिव कैंपेन की मदद से लोगों का ध्यान अपनी तरफ किया। उनके कैंपेन की टैगलाइन इतनी फनी और क्रिएटिव होती थी कि ग्राहकों को ब्रांड के साथ-साथ उसकी टैगलाइन भी याद हो गई थी। कुरकुरे का नाम सुनके आपको भी टेढ़ा है पर मेरा है, याद आता होगा।

कुरकुरे ने अपने पहले कैंपेन की टैगलाइन रखी थी- क्या करें कंट्रोल नहीं होता!

दूसरे कैंपेन की टैगलाइन थी- जो भी खाए, खा के मस्त!

कुरकुरे का नाम सुनके आपको ‘टेढ़ा है पर मेरा है’ इसीलिए याद आता है क्योंकि यह कुरकुरे की सबसे ज्यादा फेमस टैगलाइन रही है।

Kurkure- Tedha Hai Par Mera Hai!

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