कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान


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एमएस धोनी (MS Dhoni) ने भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन आज भी वे भारत और दुनिया के सफल कप्तानों में से एक हैं। महेंद्र सिंह धोनी का आज जन्मदिन Mahendra Singh Dhoni Birthday है। भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में दो वर्ल्ड कप जिताने वाले महेंद्र सिंह धोनी आज 41 साल के हो गए हैं। उन्होंने भारत को तीन बार आईसीसी टूर्नामेंट में चैंपियन बनाया। वहीं, आईपीएल में भी धोनी ने चेन्नई को चार खिताब जिताए हैं। महेंद्र सिंह धोनी अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था और अब सिर्फ आईपीएल में नजर आते हैं। धोनी ने क्रिकेट की दुनिया world of cricket में जो कुछ हासिल किया है वह उनकी क्रिकेट के प्रति दिवानगी और कठिन मेहनत का ही नतीजा है। इस सफलता का सपना देखते तो सभी हैं लेकिन सभी इस सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं।

भारत में क्रिकेट Cricket in India एक ऐसा खेल है जिसका हर कोई दिवाना है और इस खेल को भगवान की तरह पूजा जाता है। क्रिकेट के दिवाने इसके खिलाड़ियों को अपना भगवान मानते हैं। एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं महेंद्र सिंह धोनी Mahendra Singh Dhoni जिन्हें क्रिकेट को पसंद करने वाले अपना आदर्श Ideal मानते हैं। महेंद्र सिंह धोनी को कैप्टन कूल Captain Cool के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में दो वर्ल्ड कप ,world cup जिताने वाले महेंद्र सिंह धोनी का आज जन्मदिन Birthday है और वह 41 साल के हो गए हैं। दरअसल धोनी और साक्षी की शादी की सालगिरह 4 जुलाई को ही थी इसलिए यह कपल छुट्टियों पर इंग्लैंड England पहुंचा था। इसलिए इस बर्थडे का जश्न धोनी ने इंग्लैंड में कुछ खास अंदाज में मनाया और धोनी ने मंद मुस्कान के साथ केक काटा। उनके जन्मदिन पर पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मची हुई है और दुनियाभर के क्रिकेटर और लोग उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं Best wishes दे रहे हैं। धोनी ने क्रिकेट की दुनिया में जो कुछ हासिल किया है वो उनकी मेहनत का ही नतीजा है। चलिए आज इस ख़ास दिन पर कुछ उनके बारे में जानते हैं।

महेंद्र सिंह धोनी का जीवन परिचय Biography of Mahendra Singh Dhoni

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान Former captain of Indian team और कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था। भारतीय क्रिकेट में धोनी को सर्वश्रेष्ठ कप्तान के रूप में भी जाना जाता है। धोनी की कप्तानी में भारत ने आईसीसी की हर एक अहम ट्रॅाफी का खिताब अपने नाम किया है। धोनी बचपन से ही क्रिकेट के लिए दिवाने थे। वह बचपन से बेहतरीन क्रिकेट खेलते थे। धोनी एक दाहिने हाथ के बल्लेबाज हैं जिन्हें लोग मैच फिनिशर Match Finisher के रूप में भी जानते हैं। धोनी की जिंदगी में उस समय बदलाव आया, जब उन्होंने 1999-2000 कूच बिहार ट्रॅाफी के दौरान 84 रनों की धुआंधार पारी खेली थी। भारतीय टीम में खेलने की लगन ने उन्हें खड़गपुर स्टेशन में रेलवे कलेक्टर Railway Collector at Kharagpur Station की नौकरी दिला दी। छोटे से शहर के इस लड़के ने धीरे-धीरे भारतीय क्रिकेट में अपना हिस्सा जमा लिया और कई नए इतिहास रच कर भारत का नाम भी रोशन किया।

अंतराष्ट्रीय करियर की शुरूआत

दरअसल महेंद्र सिंह धोनी को 2004 में बांग्लादेश Bangladesh के खिलाफ पहली बार खेलने का मौका मिला, लेकिन सीरीज के पहले मुकाबले में धोनी को शून्य पर ही पवैलियन लौटना पड़ा। लेकिन उस समय के भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली Captain Sourav Ganguly लगातार उन पर भरोसा करते थे और उसका रिजल्ट सबके सामने है कि धोनी आज इतने बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। फिर इसके बाद 2005 में चेन्नई के मैदान में धोनी को भारत के लिए श्रीलंका Sri Lanka के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करना का मौका मिला और धोनी ने पहली इनिंग्स में 30 रन अपने खाते में जोड़े। इसी सीरीज का दूसरा टेस्ट दिल्ली में खेला गया था और धोनी ने 51 रनों की नाबाद पारी खेली। जिसके कारण भारत ने इस मुकाबले में जीत दर्ज की।

धोनी के लिए अंतराष्ट्रीय करियर की शुरूआत कुछ खास नहीं रही इसलिए अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छी शुरूआत ना होने की वजह से गांगुली ने पाकिस्तान के खिलाफ धोनी को तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने को भेजा और जिसका ही नतीजा था कि धोनी ने इस मैच में 123 गेंदों का सामना करते हुए 148 रनों की अहम पारी खेल डाली। धोनी ने टी-20 क्रिकेट में 2006 में साउथ अफ्रीका South Africa के खिलाफ डेब्यू किया था। लेकिन धोनी अपने करियर के पहले टी--20 में 0 पर आउट हो गए।

फिर श्रीलंका के खिलाफ धोनी ने 143 गेंदों का सामना करते हुए 183 रन बना डाले और इनके शतकीय पारी की बदौलत भारत ने श्रीलंका को इस वनडे में हरा दिया था। बस अब तो धोनी जिस भी मैच को खेलते वो वहां पर अपना नाम जरूर ऊपर कर जाते।

विश्वकप जीतकर बिखेरा जलवा

2007 टी-20 विश्वकप में जहां दिग्गज क्रिकेटर ने इस फॅार्मेट में खेलने से मना कर दिया था, वहां पर धोनी की कप्तानी में टीम ने ना सिर्फ विश्वकप जीता बल्कि विश्व क्रिकेट में एक नाम भी कमाया और ऐसी वाहवाही बटोरी कि हर जगह उनके चर्चे होने लगे। भारत में आयोजित 2011 विश्व कप में धोनी की कप्तानी में टीम ने 28 साल बाद 50-50 क्रिकेट में एक बार फिर विश्वकप World Cup अपने नाम किया। ये महेंद्र सिंह धोनी के खेल के प्रति समर्पण devotion to sport और रोमांच से भरपूर होने की कहानी बयां करती है। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान Most successful captain of Indian team रहे, उन्होंने अपनी लीडरशिप में देश को तीन ICC Tournament टूर्मामेंट जिताए हैं। यानि धोनी की कप्तानी में सबसे पहले 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और उसके बाद 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी। वर्ल्ड में धोनी अकेले कप्तान हैं, जिन्होंने यह तीनों टूर्नामेंट जीते हैं।

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